चार माह से बंद है ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण
छिंदवाड़ा केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हर साल स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जाती है, ताकि जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके लेकिन छिंदवाड़ा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शासन की इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। ऐसा ही एक मामला शहर से लगे चंदनगांव में सामने आया है। जहां पिछले 4 महीनो से टीकाकरण का कार्य पूरी तरह से बंद है। इस कार्य को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा आम लोगों ने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन किसी भी अधिकारी के कानों में जू तक नहीं रेंगी।
स्वास्थ विभाग के अधिकारी शासन की योजना के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते चले आ रहे हैं। वही आम जनता लगातार स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने के लिए परेशान होती नजर आ रही है। जिले में ऐसे एक नहीं कई मामले हमेशा सामने आते रहे लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नजर व्यवस्था सुधारने में कभी दिखाई नहीं दी।इधर कर्मचारियों की हठ धर्मिता के कारण आम जनता लगातार परेशान होती चली आ रही है।
लापरवाही बनती है मौत का कारण –
टीकाकरण अनिवार्य है। हर एक मासूम बच्चो के जीवन की शुरुआती पहले वर्ष के दौरान टीका लगवाने से होती है। जो बहुत ही आवश्य है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को इन बातों से कोई सरोकार नहीं है। जिस कारण लापरवाही का आलम यह है कि अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी पिछले चार माह से चंदन गांव और आसपास के क्षेत्र में टीकाकरण नहीं किया जा रहा है।
मनमर्जी के मालिक है कर्मचारी –
स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी मनमर्जी से नौकरी करते हैं। ऐसे ही एक नहीं जिले के कई ग्रामीण इलाकों की बात करें तो इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जिन्हें टीकाकरण सहित अन्य कार्य का जिम्मा सोपा गया है वह अपनी मर्जी से आते हैं और लोगों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाते हैं इसी का खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ता है।
इनका कहना है।
हां, कुछ माह से कर्मचारी ना होने के कारण बच्चों को टीके नहीं लग पा रहे हैं। इसके संबंध में अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है, लेकिन व्यवस्था अभी तक बनी नहीं है जल्दी व्यवस्था की जाएगी।
श्री देशमुख,
बी ई ई ,