Home CITY NEWS काम कोड़ी का नहीं लेकिन चाहिए नई गाड़ी और नया केबिन

काम कोड़ी का नहीं लेकिन चाहिए नई गाड़ी और नया केबिन

जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम

छिंदवाड़ा -जिला अस्पताल में मरीजों को सुविधा देने के लिए हर साल लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिया जाता हैं, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। एक साहब ट्रांसफर होकर हाल ही में जिला अस्पताल पहुंचे हैं। जिन्होंने काम को महत्व अब तक नहीं दिया, लेकिन उन्हें नई गाड़ी और नया केबिन जरूर चाहिए। इसके लिए बकायदा कार्रवाई भी शुरू कर दी गई।
जिला अस्पताल में मरीजों की देखरेख और व्यवस्थाएं बनाने के लिए एक साहब को कमान सौंपी गई। ताकि हर सुविधा मरीज को मिल सके लेकिन मरीजों की सुविधाओं से साहब को कोई लेना देना नहीं। साहब को तो सिर्फ अपनी सुविधा के लिए नया वाहन और केबिन सुसज्जित होना जरूरी है। इस पूरे मामले में जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले इसके लिए कलेक्टर स्वयं आगे आकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही अपने कुछ अधीनस्थ अधिकारियों को भी व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर के निर्देश के बाद अधिकारी तो अपनी रुचि दिखा रहे हैं लेकिन जिन पर जिला अस्पताल में मरीज और व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदारी है उन साहब को इन बातों से कोई सरोकार नहीं है। विभागीय सूत्रों की माने तो जिला अस्पताल में आए साहब के पास कोड़ी का काम नहीं है। हर तरफ मरीज परेशान है तो वही अव्यवस्थाएं भी मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है।

निजी हॉस्पिटल में शिफ्ट हो रहे मरीज –
जिला अस्पताल में अधिकारियों की अनदेखी के कारण दर्जनों मरीज जिला अस्पताल तो पहुंच रहे हैं लेकिन कर्मचारी और कुछ बाहरी तत्वों के द्वारा कमीशन खोरी के चक्कर में भोले भाले परिजनों से साठ गांठ करते हुए मरीजों को निजी हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया जा रहा है। इसके एवज में कर्मचारियों के अलावा कुछ चिन्हित अधिकारियों को भी बकायदा कमीशन की राशि मिल रही है।

विवादों से है अधिकारी का नाता –
जिला अस्पताल में ट्रांसफर होकर आए साहब का विवादों से पुराना नाता है। हाल ही में सीनियर नर्सों को वार्ड से हटाकर जूनियर नर्सों को जिम्मेदारी देने की बात को लेकर जमकर हंगामा चलता रहा। साहब के आए दिन चौंकाने वाले निर्णय भी साहब की कार्यप्रणाली पर भारी पड़ रहे हैं।

रिपोर्ट –

प्रवीण काटकर

9424300567