अतिक्रमण के नाम पर हैसियत देखकर हो रही कार्रवाई –
छिंदवाड़ा – निगम के अधिकारियों के गजब के कारनामे है। जहां लोगों की हैसियत देखकर उन पर कार्रवाई की जाती है। बुधवार को भी शहर के फवारा चौक सहित आसपास में फैले छोटे-छोटे अतिक्रमण को हटाया गया। लेकिन सालों से जमें राजीव गांधी बस स्टैंड के अतिक्रमण को हटाने में अब तक निगम के अधिकारियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। वर्तमान में सार्वजनिक स्थान पर एक अस्पताल संचालक ने कब्जा कर लिया और अवैध रूप से संचालन शुरू कर दिया। जिसको हटाने के लिए सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए गए। ताकि निगम के अधिकारी खुद अपनी पीठ थपथपा सके।
नगर पालिक निगम के तोडू दस्ते द्वारा शहर में सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए ही कार्रवाई की जाती है। बुधवार को भी अधिकारियों के निर्देश पर फुटपाथ पर बैठकर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले छोटे दुकानदारों को सड़क से हटाया गया। लेकिन शहर में जहां तहा हुए अवैध बड़े अतिक्रमण को हटाने में अधिकारियों ने किसी भी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। दरअसल अधिकारियों द्वारा दिलचस्पी न दिखाए जाने का कारण भी बड़ा ही आश्चर्यजनक है। जानकारों की माने तो इन बड़े अतिक्रमणकारियों द्वारा समय-समय पर साहब को खुश कर दिया जाता है। जिसके एवज में साहब की तरफ से पूरी छूट दी जाती है। इसी छूट के कारण हमेशा ही निगम के अधिकारियों द्वारा गरीबों पर सितम किया जाता रहा है। तो वही अमीरों पर रहम की बौछार की जाती रही है। शहर में बुधवार को भी निगम की इस कार्रवाई ने कई तरह के सवाल खड़े किए कई लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
सीधे साहब से डीलिंग, इसलिए नहीं होती करवाई –
शहर के राजीव गांधी बस स्टैंड में यात्री प्रतीक्षालय के सामने बस पार्किंग के लिए जगह बनाई गई थी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की मेहरबानी के चलते एक निजी अस्पताल ने इसमें कब्जा कर लिया है । इस कब्जे को हटाने के लिए कई बार लोगों ने शिकायत भी की लेकिन अधिकारियों से सीधी डीलिंग होने के कारण मामला हमेशा से ठंडा बस्ते में जाता रहा।
जरा हट के …
प्रवीण काटकर
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