जिले के छात्रावास और आश्रमों में बना है बच्चियों के बीच खौफ
छिंदवाड़ा – जनजाति कार्य विभाग के छात्रावास और आश्रम में निवासरत बच्चियों के बीच इन दिनों खोफ है। खौफ और किसी का नहीं बल्कि छात्रावासो के अधीक्षिका के पतियों का है। दरअसल ऐसा ही एक मामला आज चोरई के आदिवासी कन्या छात्रावास का सामने आया है। जहां पर छात्रावास में रहने वाली बच्चियों ने अधीक्षिका और उसके पति पर संगीन आरोप लगाए। इन आरोपों में छात्राओं ने साफ किया कि रोजाना रात में अधीक्षिका का पति छात्रावास आता है, और पूरे छात्रावास में रात के समय चहल कदमी करता रहता है। इतना ही नहीं किसी भी समस्या पर अधीक्षिका को बताया जाता है। तो उनके द्वारा गाली-गलौच की जाती है। लंबे समय से खौफ के साए में जीने वाली छात्राओं ने आज हिम्मत की और चोरई एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया। इधर कुंभकर्णी नींद में सोए जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों ने इस मामले में जरा भी रुचि नहीं दिखाई। जो कई सवालों को जन्म दे रही है।
जनजाति कार्य विभाग की अधिकारियों की कार्य प्रणाली हमेशा किसी न किसी बात को लेकर चर्चाओं में बनी रहती है। गुरुवार को भी मामले में चौरई कन्या छात्रावास की बच्चियों ने अत्यधिक परेशान होकर एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत से अधिकारियों को अवगत कराया। संगीन आरोप लगाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि उनके छात्रावास की अधीक्षिका का पति रोजाना रात में छात्रावास आता हैं। और पूरे छात्रावास में यहां से वहां घूमता रहता है। रात में सोते समय कमरे तक अधीक्षिका का पति बेखौफ घुस जाता है। इसके बाद डर के साए में ही रात गुजारनी पड़ती है।
गाली गलौच करती है अधीक्षिका –
एसडीएम कार्यालय पहुंची छात्राओं ने अधिकारियों को बताया कि किसी भी बात को लेकर चर्चा की जाए या शिकायत अधीक्षिका से की जाए तो उनके द्वारा हर बात पर अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। लंबे समय से जिसको लेकर पूरी छात्राएं परेशान है। हमेशा ही अधीक्षिका किसी न किसी बात को लेकर छात्राओं को परेशान करती चली आ रही है।
आखिर क्यों मेहरबान है साहब –
लंबे समय से चोरई कन्या छात्रावास की अधीक्षिका को लेकर शिकायतें सामने आती रही है। इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई न किया जाना और साहब का अधीक्षिका पर मेहरबान होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। छात्राओं को कड़कड़ाती ठंड में भी ठंडे पानी से नहाना पड़ता है। अगर किसी बच्ची ने गर्म पानी मांग लिया तो अधीक्षिका का पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है। फिर अधीक्षिका द्वारा जाति सूचक गाली गलौच की जाती है। जिसका विरोध करने के बाद भी अधीक्षिका और उनके पति से बुरा भला सुनना पड़ता है।
जरा हट के…
रिपोर्ट …
प्रवीण काटकर
9424300567